MENU

  • ARTICLE
  • BLOGS
  • HOME
  • NEWS
  • SOCIAL
Showing posts with label Copyright reserved@2023. Show all posts
Showing posts with label Copyright reserved@2023. Show all posts

Monday, January 1, 2024

सोशल मीडिया की शक्ति

          सोशल मीडिया की शक्ति

By:-Mahesh Kumar Verma

पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया ने हमारे जीवन के ढेर सारे महत्वपूर्ण और उपयोगी तत्वों को प्रभावित किया है। आज की दिनचर्या में, ये सोशल मीडिया युवाओं की यात्रा का पूर्णांक हैं, ज्यों की उनकी प्राथमिकता खुद को समय के साथ बदलती है। युवाओं, जो पहले हफ्ते में दो-तीन बार फ्रेशनबुक ख्लोदते थे, अब रोजाना बदल रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रयोग में लगे हुए हैं।

सोशल मीडिया का ऐंगल क्या है, जो इतनी बड़ी शक्ति देती है? यह प्रश्न उस रिसर्च में से एक है, जिसे मैंने करने के लिए अपना समय निकाला। उसके दौरान मुझे दुनियाभर में सैकड़ों हजारों जवानों से संपर्क करने का और उनकी राय जानने का मौका मिला।

एक बात स्पष्ट हो गई कि 21वीं सदी में सोशल मीडिया एक बदलाव का आधारभूत कारक बन चुका है। युवाओं की नई पीढ़ी उनके जीवन को साझा करने की इच्छा रखती है और वे इसे समाचार, मनोरंजन और सोशल ज्ञान का माध्यम बनाते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं का एक नया सामाजिक सञ्जीवनी पैदा हो गया है, जहां वे विचारों, विचारों और अनुभव को साझा कर सकते हैं।

अगर हम सोशल मीडिया का इतना प्रभावी होने पर कुछ दूषित करे तो, वो हमारी मनोयंत्र को शोषित करना है। ऐंगल्स या पर्स प्रशस्त होने के बावजूद, हर काम के दूषित पक्ष होते हैं, यही बात उनके सोशल मीडिया के प्रयोग पर भी लागू होती है।

सोशल मीडिया स्वतंत्रता, स्वावलंबन, उत्थान और सामर्थ्य की भूंग देता है। युवाओं को यह स्वत्वता का एक मोड़ देता है, जो उन्हें अपनी टैलेंट्स, भावनाओं और सिद्धांतों को बुलंद करने की आवश्यकता होती है। एक छात्रावास्तव में बैठाए दिमाग और रूचि के साथीजनों की विभिन्नता को प्रतिबद्ध करने की अनुमति देने के साथ, सोशल मीडिया युवाओं को विभिन्न विषयों पर बड़े ध्यान में रखता है।

वास्तविकता में, सोशल मीडिया ने युवाओं के बिना किसी और व्यक्ति या संस्थान के माध्यम से स्वयं एक पहचान बनाने की अनुमति दी है। उन्हें चाहिए कि ये अपने शरीर और वो पहले ही जो है, वही है। सोशल मीडिया रेखांकन विश्व में युवाओं के अच्छाई और कमियों के सामर्थ्य का मिश्रण है।

अन्तर्निहित साइबर-सामान्य विमर्श के अनुसार, हर तीन मे से एक 13-34 वर्षीय साथी समय खर्च करने के लिए इंटरनेट पर ज्यादातर समय बिताते हैं। इसका मतलब है कि सोशल मीडिया युवाओं के बाज़ार को आकर्षित करने और खोज सकते हैं, जो प्रभावशाली हो सकते हैं। इस तारुण्य की ताकत को बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।

सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं की सोच और आदर्शों पर आपत्ति की अपेक्षा, मुझे ज्यादा उनके सकारात्मक लाभों पर कम विचार करनेवाले लोगों से मिला। सामान्य तौर पर युवाओं के बारे में बोलनेवाले अन्य कीवर्ड इन्हें स्वाभाविक रूप से जोड़ते हैं: उत्पादक, सहकारी, समान्त्रता के पक्ष, जागरूक, उन्नत, खेलने वाले और संगठित।

अंत में, मुझे सोशल मीडिया से जुड़े युवाओं की साम्प्रदायिक आर्थिकता, सभ्यता का साधारण विचार, रूपांतरण की क्षमता और समृद्ध भावना की वजह से वाहवाही की। युवाओं की ये सोशल मीडिया-שुचु नयी पीढ़ी के बढ़ते हुए आकांक्षित और मार्गदर्शित होने के लिए इस नये मंद विश्व में उबरते जरूर हैं।

इस रिसर्च द्वारा पाया गया जो अनुभव मुझे ये दिखा रहा है कि सोशल मीडिया ने हमारी नयी पीढ़ी को एक नया और सक्रिय मंच दिया है, जहां वे वही सोच और विचार जारी रखते हैं और उनकी आवाज़ का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं की बुद्धि, ज्ञान और सामर्थ्य को प्रोन्नत करने में बिना किसी संकोच के उचित निर्णय लेना चाहिए।

LATEST POST

भारतीय परमाणु बम परीक्षण

                                भारतीय परमाणु बम परीक्षण   भारत में परमाणु बम के प्रयोग की प्रक्रिया के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम और अटल बिहा...

SEE BACK