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Friday, December 29, 2023

भारतीय शिक्षा व्यवस्था

              भारतीय शिक्षा व्यवस्था

By:-Mahesh Kumar Verma

हमारे देश में शिक्षा प्रणाली अपनी खामियों के चलते काफी विवादास्पद है। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारतीय शिक्षा प्रणाली को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसके आधार पर बहुत सारे विद्यार्थी और विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस ब्लॉग में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और बताएँगे कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में खामियां कौन सी हैं और उनके कारण क्या हैं।

शिक्षा में मूलभूत संगठनात्मक होने की जरूरत होती है, जिसमें न सिर्फ शिक्षा के मूल्‍यों का सम्मान किया जाए, बल्की शिक्षा प्रणाली की सुधार करने के लिए समुचित व्यवहारिक उपायों को ढूंढ़ने की भी जरूरत होती है। भारतीय शिक्षा प्रणाली में कुछ मुख्य समस्याएं हैं जो हमें आगे के कदम उठाने में अवरोध बानी रहती हैं।

पहली बड़ी समस्या है बार बार बदलती हरियाणा सत्ता। 
दूसरी समस्या है अवसरों की कमी। 
तीसरी समस्या है पठन-लेखन कौशल की कमी। 
चौथी समस्या है अच्छे शिक्षकों की कमी। 
पांचवी समस्या है भूमिका में बाधा डालने वाली आपसी तकरार। 
छठी समस्या है उच्च शिक्षा का अवहेलना-अनुकरण। 
सातवीं समस्या है प्राथमिकताएँ। 
आठवीं समस्या है शिक्षा में कंप्यूटर सहायता की कमी। 
नवीं समस्या है शारीरिक कार्यों की कमी। 
दसवीं समस्या है सामान्यज्ञान की कमी।

इन समस्याओं में से सबसे पहली समस्या है बच्चों की बढ़ती यात्राएं। हमारी प्रथमिकता होनी चाहिए बच्चे पढ़ाई करते समय बार बार एक नए शहर में जाएं। यह बच्चों के पढ़ाई में बाधा डालती है और उन्हें नये-नये वातावरण में अनुकूलता बना पानी पड़ती है। इससे उनकी पुरानी दोस्तों से दूरी होती है और ध्यान व धैर्य की कमी होती है।

दूसरी प्रमुख समस्या है अवसरों की कमी। कई ऐसे छात्र जहां शिक्षा लेने के अवसरों की कमी के कारण आगे के कदम उठा नहीं पाते हैं, वहीं कुछ लोग तो धर्मनिरपेक्षता, सामप्रदायिकता और आरक्षण के कारण छूट जाते हैं। इसके चलते वे एक अच्छे रिक्त अवसर को खो देते हैं और आगे की पढ़ाई में रुचि खो देते हैं।

तीसरी समस्या होती है पठन-लेखन कौशल की कमी की। भारतीय शिक्षा प्रणाली में कुछ ऐसे तौर-तरीके हैं, जिनसे शिक्षार्थियों को अच्छे संचालन व निरनिराला बचाओं का अर्थ नहीं आता है। इसके चलते उनका पठन-लेखन कौशल बिल्कुल कविता हो जाता है, जिसके कारण उनकी पढ़ाई को नुकसान पहुंचता है।

चौथी समस्या है अच्छे शिक्षकों की कमी की। हमारी बड़ी सामस्या है कि शिक्षा क्षेत्र में बहुत सारे अच्छे और capable शिक्षक नहीं हैं, जो हमें अच्छी और गुणवत्ता युक्त शिक्षा दे सकें। कुछ शिक्षक तो एक अच्छा व्यापारी बन सकते हैं, लेकिन शिक्षा के लिए इतना ही कहना है कि उनमें वह जागरूकता या मर्यादा नहीं होती। इसी कारण छात्रों को संघर्ष जारी रखना पड़ता है और वे उच्चतर शिक्षा में अनुचित अवसरों को खो देते हैं।

पांचवीं समस्या होती है भूमिका में बाधा डालने वाली आपसी तकरार की। हमारी शिक्षा प्रणाली में बहुत सारे अध्यापक-छात्र संघों को यह लगाने में धैर्य और समझ आती है कि वे सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं और उन्हें सबसे ज्यादा सचेतता की आवश्यकता है। जो शिक्षा प्रणाली में बेहतरी लाने के लिए प्रतिभाशाली गुरुओं के साथ मिलकर काम करते हैं, वह विद्यार्थियों के लिए बेहतर अवसर बनाते हैं।

इसके अलावा उच्च शिक्षा का अवहेलना-अनुकरण, प्राथमिकताएँ, शिक्षा में कंप्यूटर सहायता की कमी, शारीरिक कार्यों की कमी और सामान्यज्ञान की कमी भी शिक्षा प्रणाली की खामियों में से हैं।

इन सभी समस्याओं के समाधान के बारे में सोचने की आवश्यकता है, ताकि हमारी शिक्षा प्रणाली का समुचित विकास हो सके और हमारी नई पीढ़ी बेहतर शिक्षा के माध्यम से हमारे देश के विकास को गति दे सके। यह समस्याएं हमें सबका सामान अवकाश प्रदान करने की आवश्यकता होने के कारण लंबे समय तक असुरक्षा के साथ रहने के लिए बाध्य करती हैं।

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